Monday, August 5, 2013

मित्रों अरविन्द केजरीवाल जी का यह लेख वर्तमान में व्यापारियों व् देश को लुट रहे छदम व्यापारीयो (लुटेरो) व् ख़राब राजनेतिक व् प्रसाशनिक व्यवस्था की पोल खोलता है। …

मित्रों  अरविन्द केजरीवाल जी का यह लेख वर्तमान में व्यापारियों व् देश को लुट रहे छदम व्यापारीयो  (लुटेरो) व् ख़राब राजनेतिक व् प्रसाशनिक व्यवस्था की पोल खोलता है। …

                           एक  मुक्त सरल व पारदर्शी व्यापार प्रशासनिक प्रणाली में एक ईमानदार अकाउंटेंट का होना बहुत ही आवश्यक है जो की सरकार व व्यापारी के मध्य कर्मचारी होते हुए भी एक सलाहकार एवं  सेतु की तरह कार्य करता है, हमें ख़ुशी है कि अब निश्चित ही व्यापारी वर्ग यह समझने लग गया कि सफलता की एक सीढ़ी "एकाउंट्स प्रणाली" भी है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। .

इस लेख को किसी राजनितिक पार्टी के सपोर्ट के रूप में न देखे। अच्छे विचार व विचारो का उद्गम हमेशा स्वागत योग्य है

आपका ही

नरेन्द्र सिंह चम्पावत

लगातार ……….


मेरे प्यारे दोस्तों,
अक्सर मुझसे पूछा जाता हैं कि - "क्या आप एक वामपंथी हैं, या समाजवादी या एक पूंजीवादी?"
दोस्तों, हम किसी भी विचारधारा के प्रति समर्पित नहीं हैं. हम आम लोग हैं. हमारी अपनी समस्याएं हैं. हम समाधान चाहते हैं. अगर हमें वाम दलों में किसी भी समस्या का हल मिल जाए,  तो हम वहाँ से उधार लेने के लिए खुश हैं.अगर हमें  पूंजीवाद में समाधान मिलता हैं , तो हम वहां से समाधान लेने में खुश हैं.
लेकिन हम विश्वास करते हैं कि सरकार को व्यापार नहीं करना चाहिये , सरकार को यह कार्य इस देश के नागरिकों पर छोड़ देना चाहिए.
मैं व्यक्तिगत रूप से एक व्यवसायी परिवार से संबंध रखता हूँ. मेरे पिता के अलावा, मेरे परिवार के अन्य सदस्यों में से ज्यादातर व्यवसाय में हैं. मैं एक व्यापारी को पेश आ रही समस्याओं के बारे में जानता  हूँ.
हमारे यहाँ देखें तो व्यापारी दो तरह के होते हैं . पहली श्रेणी के व्यापारी वे हैं जो खुलेआम साधनों का अनुचित दोहन कर सिर्फ  अपने लाभ के लिए व्यापार करते हैं उदाहरण के लिए आज १५०० करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम खरीद कर जो व्यवसायी एक सप्ताह बाद  ६००० करोड़ में इसे बेचते हैं वे फोन का व्यापार नहीं कर रहे बल्कि यह खुली लूट है. दूसरी श्रेणी उन व्यापारियो की हैं जो लगातार व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष करते हैं और व्यवस्था के द्वारा बनाई गई सभी बाधाओं के बावजूद सफल रहे हैं.
व्यवसायियों की प्रथम श्रेणी व्यवस्था की यथास्थिति बनाए रखना चाहती  हैं, जबकि दूसरा व्यापारी वर्ग भारत को भ्रष्टाचार से मुक्त बनाना चाहता है. व्यवसायियों की पहली श्रेणी में 1% से कम लोग  है. हमारे देश में व्यापारियों का बहुमत ईमानदारी से ही व्यापार करना चाहता हैं.
एक व्यापारी धन बनाता है और रोजगार प्रदान करता है. अपने मुनाफे के बाहर, वह करों का भुगतान करता है, वह परिवार चलाता है और दान करता है. इस सब के लिए उन्हे  सम्मानित किया जाना चाहिए. हालांकि, वर्तमान प्रणाली उसे एक चोर और एक डकैत के रूप में मानती हैं.
उदाहरण के लिए, दिल्ली में, वैट की पूरी व्यवस्था को जानबूझकर जटिल रखा गया है. व्यापारियो के लिये इस का अनुपालन करना बेहद मुश्किल है, इसी वजह से व्यापारी रिश्वत देने को मजबूर हैं. आम आदमी पार्टी इन प्रणालियों को सरल करेगी.
आम आदमी पार्टी (आप) ईमानदार कारोबारी माहौल पैदा करेगी जहां लोग ईमानदारी से काम कर सकते हैं, ‘आप’  ईमानदारी से व्यापार करने में बाधक , वर्तमान में मौजूद सभी कानूनी और प्रशासनिक जटिलताओं  को दूर करेगी. आम आदमी पार्टी एक ऐसा माहौल पैदा करेगी जिससे ईमानदारी से व्यापार में बाधा नहीं बल्कि सुविधा हो .
ऐसा क्यों है कि भारत में एक व्यवसाय शुरू करने की कोशिश कर रहे एक व्यक्ति को इतनी ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ता हैं  परंतु वही व्यक्ति जब अमेरिका जाता है तब इतनी अच्छी तरह से व्यवसाय जमा लेता हैं . विदेशों में भारतीय इतनी अच्छी तरह से व्यापार कर रहे हैं. असल में भारतीय अपने देश में दोयम दर्जे के शासन के शिकार हैं जबकि भारतीय स्वं प्रथम श्रेणी के लोग हैं. आम आदमी पार्टी इस सब को बदलना चाहती हैं.
एक ईमानदार प्रणाली लागू होने के बाद, उन लोगों  से सख्ती से निपटगी जो व्यवस्था को दूषित करने के जिम्मेदार हैं.


आभार सहित 
अरविंद केजरीवाल

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