शेष से आगे .....
बारीकी से यदि गौर करते है तो व्यापारिक संस्थानों में आंतरिक विभागों ( प्रबंधन ,उत्पादन, मानव संसाधन,बिक्री, लेखा व प्रचार ) का आपसी समन्वय संवाद और लयबद्धता कुछ इस तरह हो तो व्यापार में सफलता का सोपान निश्चित ही व्यापारी को प्राप्त हो सकता है।
यह कार्यनीति आवश्य ही प्रभावी होती है ऐसा हमारा अनुभव है निश्चित तोर पर इस पद्ध्ति को लागु करने पर हो सकता है कंपनी के खर्चो में कुछ बढोतरी हो जाये परन्तु व्यापार में पारदर्शिता उत्पादन क्षमता समय की बचत के आगे यह थोड़ा सा बढ़ा हुआ खर्च नगन्य होगा। इस प्रणाली से व्यापार की बढ़त का प्रतिशत अप्रत्याशित होता है और टीम हमेशा आत्मविश्वाश प्रेरणा से भरपूर रहती है।
नरेन्द्र सिंह चम्पावत (रणसी गाँव )
जोधपुर
narendrachampawat@gmail.com
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Jodhpur Accountants Group Web Site
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यह कार्यनीति आवश्य ही प्रभावी होती है ऐसा हमारा अनुभव है निश्चित तोर पर इस पद्ध्ति को लागु करने पर हो सकता है कंपनी के खर्चो में कुछ बढोतरी हो जाये परन्तु व्यापार में पारदर्शिता उत्पादन क्षमता समय की बचत के आगे यह थोड़ा सा बढ़ा हुआ खर्च नगन्य होगा। इस प्रणाली से व्यापार की बढ़त का प्रतिशत अप्रत्याशित होता है और टीम हमेशा आत्मविश्वाश प्रेरणा से भरपूर रहती है।
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